Thursday, September 15, 2022

Sunday, September 11, 2022

Road safety in India

दिग्गज उद्योगपति साइरस मिस्त्री के निधन के बाद, भारत में कारों के सेफ्टी फीचर्स पर सवाल खड़े हो गए हैं। यूं तो औसतन दुनिया में जितनी कारें हैं उसकी तुलना में भारत में कारें कम हैं, लेकिन सड़क हादसे विश्व में सर्वाधिक हैं।
सड़क दुर्घटना में यूं तो सामान्य आदमी बहुतायत मरते हैं, लेकिन इस घटना के बाद चर्चा बढ़ गई है।
भारत में कार बनाने वाली कंपनियों का मुख्य ध्यान अपनी बिक्री बढ़ाना ही एकमात्र लक्ष्य है, जिसके कारण हादसे भी बहुतायत हैं। कार बनाने वाली कंपनियां जैसे ही कोई नई कार लांच करती हैं, प्रचार केवल उसके आउटलुक्स पर होते हैं।
कार के नाम पर डब्बा बेचना भारत में बिक्री बढ़ाने का स्त्रोत है जो अब कई गुना बढ़ चुका है।
भारत सरकार ने प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए बीएस 4 से बीएस 6 में छलांग लगा ली ,लेकिन सेफ्टी के मामले में अब भी कोई निर्माताओं को संदेश नहीं दिया।
आमतौर पर एक मध्यमवर्ग का जो कार खरीदने का सपना है उसे पूरा करने के लिए डब्बे की बिक्री बढ़ा दी गई है, हादसे का मूल कारण यह भी है।
कारों की मजबूती में स्टील की जगह, फाइबर ने ले लिया है और डब्बे वाली कार मौत के मुंह में ले जा रही है।
परिवहन मंत्री ने आदेश कर दिया है की अब पीछे की सीटों पर भी सीट बेल्ट अनिवार्य है, वरना तगड़ा जुर्माना वसूला जाएगा। अगर जुर्माना ही इसका सॉल्यूशन है तो निहायत ही यह भ्रष्टाचार को बढ़ावा देगा,अनावश्यक वाद विवाद लड़ाई झगडे को जन्म देगा। मेरा मानना है की कार निर्माताओं के लिए भारत में उन सभी सेफ्टी फीचर्स को अनिवार्य किया जाय जिससे उच्च सुरक्षा मानक की कारें भारतीय बाजार में उपलब्ध हो सकें। वहीं हाइवेज के डिजाइन में सुधार के साथ, रिफ्लेक्टर, गाड़ियों में आवश्यक संकेतक, गति नियंत्रक संकेतक, AI बेस्ड कैमरे हर ब्लैक स्पॉट पर लगाए जाय।

Sunday, July 17, 2022

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 16 जुलाई 2022 शनिवार को जालौन के कैथरी गांव में बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे को जनता को समर्पित करेंगे।
296 किमी लम्बी एक्सप्रेस वे से चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरेया और इटावा जिले सीधे जुड़ेंगे।
यह 14850 करोड़ ₹ की लागत से बना है।

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की शुरुआत के साथ ही चित्रकूट से दिल्ली तक का 630 किमी का सफर 6 से 7 घंटे में पूरा हो सकेगा।

फूलों की घाटी, उत्तराखण्ड

चार हजार से अधिक पर्यटक पहुंच चुके फूलों की घाटी

फूलों की घाटी इन दिनों पयर्टकों से गुलजार हो रखा है।

यहां इन दिनों बह्मकमल के साथ 100 से अधिक प्रजातियां के रंग बिरंगे फूल अपनी छठा बिखेर रहे हैं। घाटी में अभी तक 4100 से अधिक पर्यटक पहुंच चुके है।

फूलों की घाटी में हर दिन कई प्रकार के फूल खिल रहे हैं।

हर दिन यहां बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं।

15 जुलाई 2022 को यहां 84 पर्यटक पहुंचे।

फूलों की घाटी को 1 जून 2022 से पर्यटकों के लिए खोला गया था।

वन क्षेत्राधिकारी चेतना कांडपाल ने बताया कि फूलोकी घाटी में इन दिनों बह्मकमल के अलावा अन्य प्रजातियां के 100 से अधिक फूल खिले हुए हैं।
फूलों की घाटी में 1 जून 2022 से 15 जुलाई 2022 तक 4100 से अधिक पर्यटक पहुंच चुके है।

Types of drawings in any construction project:

Types of drawings in any construction project: 1. IFC Drawing: Detailed drawings considered final, issued, and approved by the design team f...